मानस गान | EP-606 | श्रीरामचरितमानस | उत्तरकांड दोहा 125 से आगे 127 तक

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  • Опубликовано: 7 сен 2024
  • ।। मानस-गान ।।
    भगवान की न्योछावर के लिए आप इस upi पर अपनी भेंट भेज सकते हैं
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    कविकुल चूड़ामणि श्रीमद गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित श्री राम चरित मानस एक ऐसा सद्ग्रन्थ है , जिसके अध्ययन मनन पाठ करने से हमारे समस्त संदेहों का समूल नाश हो जाता है।
    कहा भी है तुलसी जी ने- "राम कथा सुन्दर करतारी, संसय बिहग उड़ावनि हारी" ।
    आज लोगों के मन में बहुत तरह की शंकाऐ हैं, आज लोगो के मन में बहुत सारे भ्रम है। आज लोगों के मन में, किस मार्ग से हम जाएं, आगे बढ़े इसके बारे में दिग्भ्रम की स्थिति है। ऐसे में रामचरितमानस हमारा मार्गदर्शन करती है।
    रामजी का चरित्र, रामजी के आदर्श रामजी की मर्यादा, श्रीराम का राष्ट्र के प्रति, अपनी जन्मभूमि के प्रति, जो अद्भुत भाव है वह हमें बल देता है कि हम अपने संस्कृति के वातावरण में ही हम अपना आगे बढ़ने का आधार बनाएं, मार्ग बनाएं।
    सचमुच में श्री रामचरित मानस ये एक ग्रंथ नहीं है, बल्कि ग्रंथ रूप में साक्षात श्रीराम ही अवतरित हुए हैं । इसलिए इसको रामजी का ग्रंथावतार कहा जाता है। रामचरित मानस में हमें रामजी के दर्शन होते हैं, राम चरित मानस में हमें रामजी मिल जाते हैं और इससे बढ़कर क्या चाहिए।
    श्रीरामदरबार परिवार की ओर से जो मानसगान की प्रस्तुति की जा रही है। वो क्या है?और उसका क्या लाभ है ?
    आजकल के युवाओं को क्यों सुनना चाहिए।
    "मानस-गान एक अद्भुत अनुष्ठान "
    एक अद्भुत अनुष्ठान आञ्जनेय शर्मा "अंजुल" की ओर से प्रारंभ हुआ है। इस महान ग्रंथ के एक एक शब्द का गायन करने का उन्होंने संकल्प लिया है। अवंतिकानाथ भगवान महाकाल को श्रीराम चरित मानस का गायन समर्पित करने के लिए उ

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